Posts

Showing posts from 2022

इतिहास

Image
#इतिहास "....मीना आदिवासियों को आर्यों के आगमन काल से ही प्रायः स्थानीय एवं बाह्य शक्तियों से दोहरा युद्ध करना पड़ा। जब ये विरोधी शक्तियॉ एक-एक करके मीनाओं से पराजित होने लगी, तो उन्होंने संगठन बनाकर मीना-शक्ति को कुचलना प्रारम्भ किया। मध्यकाल का मुग़ल-राजपूत एवं ब्रिटिश काल का राजपूत-अंग्रेज सहयोग इसके प्रत्यक्ष उदाहरण है। गुरिल्ला युद्ध पद्धति के जन्म दाता आदिवासी मीनाओं को यदि स्थानीय शक्तियों द्वारा साथ दिया गया होता, तो जम्बू द्वीप में कभी भी विदेशी शक्तियाँ अपनी जड़ें नहीं जमा पाती। प्राचीन मत्स्यों के यशस्वी उत्तराधिकारी मीनाओं गौरवपूर्ण आख्यानों को यदि भारतीय इतिहासकार इतिहास में संभालकर रखने का प्रयत्न करते, तो निःसंदेह देश के इतिहास की प्रामाणिकता एवं उपादेयता में वृद्धि होती" ~@रावत सारस्वत् (मीणा इतिहास)

"लूट" तब और अब

Image
"लूट" तब और अब...💸 ~~~~~~~~~~~~~~~        सत्ता और पूंजी की ताकत के मार्फत गुलाम बनाए गए भारत में ‘ईस्ट इंडिया कम्पनी‘ हिंदुस्तान को आर्थिक रूप से निचोड़ कर धन को ब्रिटेन पहुंचाने के लिए इतिहास में कुख्यात है। टैक्स और टैक्स के नाम पर चोरी के माध्यम से ब्रिटिश शासकों ने 1765 से 1815 ई. के बीच भारत से प्रतिवर्ष औसतन 1,80,000 पाउंड निचोड़े। लंदन में फ्रांस के राजदूत कॉम द शाटेल’ने लिखा था कि ’यूरोप में कुछ ही राजा होंगे जो ईस्ट इंडिया कम्पनी के निदेशकों से ज्यादा अमीर होंगे।’ तात्पर्य है, कि उस दौरान कंपनी अधिकारियों ने हिंदुस्तान की जनता को जैसा चाहा वैसे लूटा। इस तरह की लूट के समकालीन इतिहास में बहुतेरे उदाहरण है।– 🏴 1757 ई. में हुआ प्लासी युद्ध के पश्चात रॉबर्ट क्लाइव जब पहली बार इंग्लैंड लौटा, तो अपने साथ 2.3 करोड़ पाउंड निचोड़ कर ले गया और इस धन राशि ने उसे यूरोप के सर्वाधिक अमीर लोगों की पंक्ति में ला खड़ा किया। क्लाइव 1765 में पुन: भारत लौटा और 2 वर्ष बाद एक बार फिर 4 करोड़ पाउंड की धन राशि लेकर इंग्लैंड पहुंचा। भारत में लूट से इकट्ठे किए गए इस तरह के धन से इन...