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Showing posts from November, 2014

Dowry{Dahej}:- Bachane ka ek hi raasta "Saamuhik Vivah"

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मित्रों नमस्कार,                        माँ-बाप के द्वारा अपने बच्चे -बच्चियों का विवाह करने की धार्मिक परम्परा सदियों से चली आ रही है। चाहे परिवार संपन्न हो या गरीब, सब अपनी-अपनी सहूलियत के अनुसार विवाह करना अपना कृत्य समझकर निभाते आये है। परन्तु आज इस महंगाई के जमाने में अपनी बेटियों का विवाह करना कठिन समस्या होती जा रही है। बच्चियों को अच्छी शिक्षा दिलाना व शिक्षा के हिसाब से बच्चा ढूंढना, दहेज़ देना, फैशन के हिसाब से विवाह करना, लाखों रुपये खर्च करना कठिन होता जा रहा है। जब अपने बच्चे-बच्चियों अच्छी शिक्षा दिलाना व अपना पेट पालना मुश्किल हो रहा है तो विवाह में इन आडम्बरों के लिए खर्चा कहा से आएगा। इस दहेज़ व शादियों में फिजूलखर्ची आडम्बरों से बचने का एक  रास्ता है -- "सामूहिक विवाह", जिसमे सारा झंझट मिट जाता है।  न दहेज़ देने की चिंता और न टेंट, हलवाई नाना प्रकार के दिखावा की चिंता है।                      वैसे आज सामूहिक विवाह सभी स...

Aadiwasi pahachan.....

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प्रो. ए.आर.देसाई ने जनजाति सम्बन्धी विभिन्न परिभाषाओं के तारतम्य में जनजाति के कुछ सामान्य लक्षण लक्षित किये।  जो निम्न है -- वे सभ्य जगत से दूर पर्वतों व जंगलों के दुर्गम स्थानों में निवास करते है।  वे निग्रीतांज, एस्ट्रोलाइड अथवा मंगोलॉयड में से एक प्रजाति से सम्बंधित होते है. वे जनजातीय भाषा का प्रयोग करते है।  वे आदिम धर्म को मानते है  सर्वजीववाद के सिद्धांतों का प्रतिपादन करता है, जिसमे भूतों व आत्माओं की पूजा का महत्त्वपूर्ण स्थान है।  वे जनजातीय व्यवसायों को अपनाते है।  जैसे उपयोगी प्राकृतिक वस्तुओं का संग्रह, शिकार, वन में उत्पन्न वस्तुओं के संग्रह में रूचि रखना।   सामान्य रूप से मांस भक्षी होते है।  वे मदिरापान के आदि होते है।  meenabs1980@gmail.com

PM Modi scolds SPG commando publicly

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माननीय मोदी  जी का  कैमरा प्रेम 

Rajasthan Aadiwasi Ekata Sammelan-2014, Udaipur

मित्रों नमस्कार,                   आज उदयपुर में ऐतिहासिक "राजस्थान आदिवासी एकता सम्मलेन-  २०१४" का आयोजन किया जा रहा है ! सबसे पहले हम सब इस महान कार्यक्रम की सफलता की कामना करते है!                   सभी आदिवासी समुदायों से उम्मीद है, की इस महान आयोजन में अधिकतम संख्या में भागीदारी निभाए ! समाज के बुद्धिजीवी वर्ग से भी उम्मीद है, की  समाज आज जो कठिनाईयों के दौर से गुजर रहा है उससे बाहर निकलने  मार्ग सुझाएं ! समाज आज अपने शिक्षित वर्ग की और देख रहा! आदिवासी मीणा{मीना} समाज एक गंभीर समस्या से बाहर निकलने के लिए तड़फड़ा रहा है!  उम्मीद है की इस समस्या के क़ानूनी पक्ष की ओर ध्यान दिया जायेगा ! सबसे अहम बात ये है, की क़ानूनी लड़ाई में हम कहा तक सफलता प्राप्त कर चुके है ओर कहा तक इसकी उम्मीद है, इस बात को भी समाज के सामने रखा जायेगा, इसकी हम वयक्तिगत रूप से उम्मीद करते है.                    मनु...