Rajasthan Aadiwasi Ekata Sammelan-2014, Udaipur
मित्रों नमस्कार,
आज उदयपुर में ऐतिहासिक "राजस्थान आदिवासी एकता सम्मलेन- २०१४" का आयोजन किया जा रहा है ! सबसे पहले हम सब इस महान कार्यक्रम की सफलता की कामना करते है!
सभी आदिवासी समुदायों से उम्मीद है, की इस महान आयोजन में अधिकतम संख्या में भागीदारी निभाए ! समाज के बुद्धिजीवी वर्ग से भी उम्मीद है, की समाज आज जो कठिनाईयों के दौर से गुजर रहा है उससे बाहर निकलने मार्ग सुझाएं ! समाज आज अपने शिक्षित वर्ग की और देख रहा! आदिवासी मीणा{मीना} समाज एक गंभीर समस्या से बाहर निकलने के लिए तड़फड़ा रहा है! उम्मीद है की इस समस्या के क़ानूनी पक्ष की ओर ध्यान दिया जायेगा ! सबसे अहम बात ये है, की क़ानूनी लड़ाई में हम कहा तक सफलता प्राप्त कर चुके है ओर कहा तक इसकी उम्मीद है, इस बात को भी समाज के सामने रखा जायेगा, इसकी हम वयक्तिगत रूप से उम्मीद करते है.
मनुवादी "समता आंदोलन समिति" की कारगुजारियों की ओर गंभीरता से गौर करने की जरुरत है! ये लोग आज मीणा{मीना} समाज को अलग-थलग कर, राजनितिक ओर प्रशासनिक रूप से पंगु करने की पुर जोर कोशिश किये जा रहे है! अभी तक के अनुभव से यह देखा गया है, की मीणा/मीना मुद्दे को जिस भी समाज प्रेमी ने नेतृत्व प्रदान करने की कोशिश की है उसे ही निशाना बनाया गया है, श्री सोमवत जी का उदाहरण हमारे सामने है! हमारे राजनेताओं की इस मुद्दे पर चुप्पी भी मनुवादियों के षड्यंत्रों को उचित दिशा और हिम्मत देने का काम कर रही है!
आज उदयपुर में ऐतिहासिक "राजस्थान आदिवासी एकता सम्मलेन- २०१४" का आयोजन किया जा रहा है ! सबसे पहले हम सब इस महान कार्यक्रम की सफलता की कामना करते है!
सभी आदिवासी समुदायों से उम्मीद है, की इस महान आयोजन में अधिकतम संख्या में भागीदारी निभाए ! समाज के बुद्धिजीवी वर्ग से भी उम्मीद है, की समाज आज जो कठिनाईयों के दौर से गुजर रहा है उससे बाहर निकलने मार्ग सुझाएं ! समाज आज अपने शिक्षित वर्ग की और देख रहा! आदिवासी मीणा{मीना} समाज एक गंभीर समस्या से बाहर निकलने के लिए तड़फड़ा रहा है! उम्मीद है की इस समस्या के क़ानूनी पक्ष की ओर ध्यान दिया जायेगा ! सबसे अहम बात ये है, की क़ानूनी लड़ाई में हम कहा तक सफलता प्राप्त कर चुके है ओर कहा तक इसकी उम्मीद है, इस बात को भी समाज के सामने रखा जायेगा, इसकी हम वयक्तिगत रूप से उम्मीद करते है.
मनुवादी "समता आंदोलन समिति" की कारगुजारियों की ओर गंभीरता से गौर करने की जरुरत है! ये लोग आज मीणा{मीना} समाज को अलग-थलग कर, राजनितिक ओर प्रशासनिक रूप से पंगु करने की पुर जोर कोशिश किये जा रहे है! अभी तक के अनुभव से यह देखा गया है, की मीणा/मीना मुद्दे को जिस भी समाज प्रेमी ने नेतृत्व प्रदान करने की कोशिश की है उसे ही निशाना बनाया गया है, श्री सोमवत जी का उदाहरण हमारे सामने है! हमारे राजनेताओं की इस मुद्दे पर चुप्पी भी मनुवादियों के षड्यंत्रों को उचित दिशा और हिम्मत देने का काम कर रही है!
इस सम्मलेन के द्वारा समाज के विधायकों एवं सांसदों पर भी दबाव डालने की कौशिश होनी चाहिए! जहा तक मैं समझता हूँ, हमें संगठित होकर विधयकों/सांसदों माध्यम से राजस्थान एवं भारत सरकार पर दबाव डालना चाहिए की वो इस मुद्दे को गंभीरता से ले और इस समस्या का स्थायी समाधान करने लिए "मीणा,मीना,मिना,मैना,मैणा आदि एक ही जाती है जो की आदिम अनुसूचित जनजाति है" की अधिसूचना जारी करें!
एक बार पुनः इस राजस्थान आदिवासी एकता सम्मलेन २०१४ की सफलतापूर्वक संपन्न होने की मंगल कामना के साथ अपनी बात को विराम देता हूँ !!!
धन्यवाद!
meenabs1980@gmail.com
Comments
Post a Comment