आदिवासी हिन्दू नहीं है..
➡#आदिवासी हिन्दू नहीं (Indegious people are not Hindu)
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संदर्भ प्रमाण-
विभिन्न न्यायालय के निर्णय, भारतीय संविधान ,आदिवासी संस्कृति, बोली-भाषा, देवी-देवता संबंधी मान्यता, पूजा पद्धति, परंपरा, रीति-रिवाज, पुरातत्वीय शोध, मानव वंश शास्त्र, शरीर रचना विज्ञान नस्ल वंशीय ईतिहास, DNA research इत्यादि सभी तरह से सिद्ध हुआ है, कि आदिवासी हिन्दू नहीं है।
महत्वपूर्ण न्यायिक निर्णय-
1. मा.सुप्रीम कोर्ट- case no.10367of 2010(5 Jan.2011) (भील)
2. मा. हाईकोर्ट जबलपूर(मध्यप्रदेश) रेवन्यू निर्णय १००/१९९० रामगुलाम बनाम नारायण (बहेलिया)
3. मध्यप्रदेश रेवन्यू निर्णय क्रं.१९१/१९८० रामवती बनाम सहोदरी बाई (हल्बा)
4. मा. कुटुंब न्यायालय बालोद(छ.ग.)बनिहारीन बाई बनाम जोहरुराम भोयर (हल्बा) प्रकरण क्रं.३/०७ दि.०६/१०/२००९
5. सूचना के अधिकार (RTI) के तहत आदिवासी हल्बा समाज बालोद महासभा के प्राप्त दस्तावेज - सु.अ./९/६४ दि. १५ सितबंर २००९
6. मध्यप्रदेश लो जनरल प्रकरण क्रं.२१/१९७१ त्रिलोक सिह विरूद्ध गुलबासिया बाई(गोंड)
7. आदिवासी कमिटि के सदस्य के रुप मे जयपाल सिह मुंडा का संविधान सभा मे भाषण संविधान सभा की चर्चाए, ओफिसिअल रिपोर्ट खं-9, खंड११ (प्रकाशक लोकसभा सचिवालय नई दिल्ली १९९९)
8. हिन्दू हिन्दू मैरिज एक्ट 1955 की धारा -2 Not with standing anything contained in sub section (1),nothing contained in this Act shall apply to the member of any scheduled tribe (ST)
within the meaning of close (25) of article 366 of the constitution unless the central Government by notification in the official Gazette .
➡हिन्दू धर्म के चारो वर्ण ब्राम्हण, क्षत्रिय, वैश्य, शुद्र मे से आदिवासी किसी भी वर्ण मे नहीं आते। हम आदिवासियों की कोई भी प्रथा, परंपरा ,देवी देवताओं का उल्लेख हिन्दू धर्मग्रंथो मे नहीं है।
इसलिए आदिवासी हिन्दू नही है।
#जय_आदिवासी
#जय_संविधान
बहुत ही उपयोगी एवं प्रसांगिक जानकारी.हमारे लोगों का भगवाकरण किया जाना राजनीति की ओछी हरकत है.
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