शासकों की लूट
साथियों देश का असली लुटेरे कोन है..
➡642 मे पल्लव राजा नरसिंह वेर्मन ने चालुक्यों की राजधानी वातापि मे गणेश की मंदिर को लुटा और उस के बाद तोड दिया।
➡आठवी सदी मे बंगाल के सैनिकों ने विष्णु मंदिर को तोडा।
➡ 9 वी शताब्दी मे पॅंडियीयन राजा सरीमारा श्रीवल्लभ ने लंका पर आक्रमण कर वहाँ के सभी मंदिरों को नष्ट कर दिया।
➡11 वी शताब्दी मे चोल राजा ने अपने पड़ोसी चालुक्य, कलिंग,और पाल राजाओं से मूर्तियाँ छीन कर ला के अपने राजधानी मे स्तपित किया।
➡11 वी शताब्दी के मध्य मे राजाधिराज ने चालुक्य को हराया और शाही मंदिरो को लुट कर विनाश कर दिया।
➡10 वी शताब्दीं मे राष्ट्रकूट राजा इंद्रा-3 ने जमुना नदी के पास कल्पा मे कलाप्रिया का मंदिर को नष्ट कर दिया।
➡कश्मीर के लोहारा राजवंश का आखिरी राजा हर्षा ( 1089-1101) के काल मे उस ने कश्मीर के सभी मंदिरो को नष्ट करने और लूट लेने का हुक्म दिया था। बताया जाता है, कि उस समय सभी मंदिरो को लूट कर मंदिरो की मूर्ति जो सोने की थी, उसे पिघला कर पूरी दौलत उस ने अपने पस रख ली थी।
➡मारेटो ने जब टीपू सुल्तान पर हमला किया तो श्रीरंगपट्टनम के मंदिर को भी तोड दिया।
➡पुष्पमित्र, जो कि शुंग शासक और वैदिक धर्म का संस्थापक था। गद्दी पर बैठते ही उस ने सभी बौद्ध मंदिरो को तोड़ने का आदेश दे दिया। उस ने ये भी एलान कर दिया, कि जो भी एक बौद्ध भिक्षु का सिर काट कर लायेगा, उसे एक सोने का सिक्का दिया जायेगा। लाखो बौद्ध भिक्षुओं को मार दिया गया। पुष्पमित्र ने उस पेड़ को भी काट दिया, जिस के नीचे महात्मा बुद्ध को ज्ञान प्राप्त हुआ था। बौद्ध भिक्षु अपनी जान बचा कर मुल्क से पलायन करने लगे और वो जापान, थाइलॅंड, सिंगापुर की तरफ भागे। इतिहासकारो का कहना है, कि लगभग बौद्धों का खात्मा ही हो गया था।
जैसा कि कहा जाता है, कि मुस्लिम हुक्मरानों के दौर मे हिन्दुओ की हालत दयनीय थी तो वे क्यों भूल जाते है, कि पंजाब, मराठा, जाट के हुकूमत मे मुसलमानो की हालत भी बहुत खराब थी।
कुछ दोस्तो का कहना है, कि हिन्दुओ ने मस्जिद को नही लुटा। आप को मालूम होना चाहिये, कि दुनिया की किसी भी मस्जिद मे 1 रुपया नही होता, सिर्फ नमाज़ पड़ने के लिये चटाई होती है। मंदिर की तरफ आक्रमणकारी सिर्फ दौलत के लिये आकर्षित होते थे। ऊपर कुछ मिसाल से साबित होता है, कि हिन्दू राजाओ ने भी दौलत के लिये मंदिर को लुटा।
Comments
Post a Comment